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Read the FAQ related to the nervous system disease such as Stroke, Epilepsy, Migraine, Parkinosn's, Alzheimer's, Headache by Dr. Vikram Bohra.

He is among the best neurologist in Jaipur, India Working as Senior Consultant Neurology and Chief Interventional Neurologist in Rajasthan Hospital, Jaipur.

स्ट्रोक क्या है?

किसी भी कारण से दिमाग के किसी हिस्से का अचानक काम करना रोक देना स्ट्रोक है। ये दियंग की नस के क्लॉट के कारण ब्लॉक होने अथवा किसी कारणवश फट जाने से हो सकता है।

स्ट्रोक/ लकवे की पहचान कैसे करें?

अचानक शरीर के किसी एक भाग का कमजोर हो जाना, बोलने या समझने में कठिनाई आना, नज़र में परेशानी आना, सरदर्द होना, बेहोशी आना, चलने में दिक्कत होना आदि लक्षण हो तो स्ट्रोक हो सकता है, ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचे।

स्ट्रोक के कारण क्या हैं?

स्ट्रोक होने के मुख्य कारण हैं बढ़ती उमर (increasing age), रक्तचाप (हाइपरटेन्षन hypertension), डाइयबबटीस (diabetes), मोटापा (obesity), हाइ कोलेस्ट्टरॉल (high cholesterol), धूम्रपान (smoking), अत्यधिक शराब का सेवन, हृदय की गति से संबंधित बीमारी तथा कुछ लोगों में आनुवंशिक (genetic) बीमारियां।

स्ट्रोक की संभावना होने की स्थिति में क्या करें?

तुरंत नजदीकी अस्पताल जायें जहाँ की फिजिशियन/ न्यूरोलॉजिस्ट की सुबिधा तथा सी. टी स्कैन (CT SCAN) की सुबिधा उपलब्ध हो, और हो सके तो वो समय जब की मरीज को आखरी बार स्वस्थ देखा गया था डॉक्टर को बतायें।

क्या स्ट्रोक का इलाज़ संभव है?

जी हाँ, स्ट्रोक के प्रकार के मुताबिक यदि जल्द से जल्द इलाज़ लिया जाए तो मरीज में जल्द सुधार मुमकिन है।  नस बंद या नस में क्लॉट होने की स्थिति में खून पतला होने का इंजेक्शन या नस में स्टेंट डाल कर इलाज़ किया जा सकता हैं। नस फटने की स्थिति में यदि जल्द से जल्द BP कंट्रोल किया जाए तो जल्द ठीक होना मुमकिन है। नस फटने के कुछ और कारण भी है जैसे नस में फुलावट (ANEURYSM) आ के फटना या नसों के गड़बड़ गुच्छे (AVM) का फटना।  इनका भी जल्द पता लगा कर इलाज़ संभव है।

फिजियो थेरेपी (PHYSIOTHERAPY) की इलाज़ में क्या ज़रूरत है?

लकवे से सुधार लाने में फिजियो थेरपी की काफी ज़रूरत होती है, शुरुआती दिनों में यदि अच्छे से फिजियो थेरेपी की जाए तो सुधार में मदद मिलती है और बाद के दिनों में करें तो कमजोर हाथ पाओं के जोड़ों में लचीलापन बनना रहता है तथा सुधार की संभावना भी बनी रहती है।

मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी (MECHANICAL THROMBECTOMY) क्या है?

लगभग तीस प्रतिशत लकवे के मरीजों में लकवे का कारण दिमाग़ की बड़ी नस का बंद होना होता है। खून पतला करने वाली दवा उस स्थिति में ज्यादा लाभकारी सिद्ध नहीं होती है। उस स्थिति  में यदि नस में जा कर डाइरेक्ट क्लॉट को निकाला जाए तो सुधार बहुत जल्दी आता है। इसी प्रकिया को मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी कहते हैं। आम तौर पर लगभग ८०% लोगों में ये प्रकिया सफल साबित होती है।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन सबसे अधिक पाया जाने वाला सिरदर्द है। आमतौर पर सिर के किसी एक तरफ में शुरू होता है तथा कुछ देर में पूरे सिर में फेल जाता है। सिरदर्द  का अहसास ऐसा होता है जैसे की सिर में कोई नस धक- धक कर रही हो। इसी के साथ उल्टी का मन होना या उल्टी आना, आवाज़ तथा रोशनी से सिरदर्द का बढ़ना तथा इधर उधर  चलने में सिरदर्द का बढ़ना भी हो सकता है। यदि दवा ना ली जाए तो ये सिरदर्द  ४ घंटे से अधिक तथा लगभग ४८ से ७२ घंटे तक चल सकता है।

क्या सभी सिरदर्द माइग्रेन है?

जी नहीं, माइग्रेन सर्वाधिक पाया जाने वाला सिरदर्द है परंतु सिरदर्द के इसके अलावा और भी कई कारण होते हैं।

सिरदर्द के संबंध में चिंताजनक लक्षण (RED FLAG) क्या हैं?

कुछ लक्षण जिन्हे की रेड फ्लेग कहते हैं चिंताजनक लक्षण होते हैं, इनमे से कोई भी लक्षण सिरदर्द के साथ हो तो जल्द से जल्द डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिये-

अचानक या जीवन में पहली बार सिरदर्द होना। जीवन का सबसे अधिक या खराब सिरदर्द होना। हमेशा एक ही तरफ सिर में दर्द होना। सिरदर्द का मिंटो में पूरी तेज़ी पे पहुँचना। सिरदर्द के साथ बुखार आना और वज़न कम होना। सिरदर्द के कारण नींद से उठना। सिरदर्द के साथ शरीर के किसी भाग में कमज़ोरी आना या बेहोशी आना।

क्या माइग्रेन का इलाज़ संभब है?

समय से उपचार लेने तथा दवाओं के साथ- साथ अपने रहन- सहन और खान-पान में आवश्यक बदलाव से माइग्रेन का इलाज़ संभब है।

किन बदलावों से सिरदर्द से बचाव या उपचार में आसानी प्राप्त की जा सकती है?

नियमित खान-पान जैसे की रोज समय पर नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन, खाने में बहुत मिर्च- मशाले युक्त खाना खास कर चाइनीस फुड की कमी, और चोकलेट, कॅफीन की कमी से सिरदर्द से बचाव संभब है। साथ ही साथ नियमित व्यायाम अथवा योगा और मैडिटेशन, पूर्ण नींद तथा धूम्रपान और शराब से बचाव के द्वारा भी काफी हद तक सिरदर्द का निवारण संभब है।

क्या हर सिरदर्द में सिर की जाँच आवशयक है?

यदि सिरदर्द के संबंध में कोई भी चिंताजनक लक्षण (ऊपर बताए गये बिंदुओं में से) है तो सिर की एम.आर.आइ या सी.टी स्कॅन की जाँच आवश्यक है। बाकी सिरदर्द में भी एक बार सिर की कोई ना कोई जाँच होनी चाहिए। इसका कारण है की चाहे मरीज की बात सुन के सिरदर्द भले माइग्रेन ही लग रहा हो परंतु ये १०० प्रतिशत कह देना की सिर की जाँच में कोई और परेशानी का पता नहीं लग सकता, गलत है। इसी के साथ यदि जाँच ठीक आती है तो मरीज को मानसिक तौर पे अछा लगता है और इलाज़ में भी सहायता मिलती है।

एन्यूरिज्म (ANEURYSM) क्या है? इसका सिरदर्द से क्या संबंध है?

एन्यूरिज्म सिर की खून की नसों में कमज़ोर स्थान पर गुबारे सी फुलावट को कहते हैं, क्यों की ये नसों में कमज़ोरी के स्थान पर होता हैं इस लिये ये फट कर ब्रेन हेमरेज़ (SUB ARACHNOID HEMORRHAGE) कर सकता है। यदि इसका पता बिना फटे लग जाए तो इलाज़ आसान है और फटने से पहले इसका अंदाज़ा आमतौर पे सिरदर्द की जाँच के दौरान ही लगता है।

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